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हमारी जिम्मेवारी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

Jainendra

मनहरण घनाक्षरी छंद


कल जिसे विदा किया,
वह साल बीत गया,
गुजरा जमाना अब-
नमन पुराने को।

छोड़ के पुरानी बातें,
मिलकर काम करें,
वक्त फिर आया गिले-
शिकवे भुलाने को।

भारत महान देश,
दुनिया में नहीं शेष,
अपना इतिहास है-
बताना जमाने को।

सभी बुद्धिजीवी कवि,
बनाएं पुरानी छवि,
हमारी जिम्मेवारी है-
गौरव बढ़ाने को।

जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर, पटना

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