Site icon पद्यपंकज

हर वर्ष पेड़ लगाना है- रविन्द्र कुमार

प्रकृति के हैं रूप अनेक

पेड़ है जिनमें से एक।

ये जहाँ भी होता है,

जीवन खुशियों से भर देता है।।
        
धरा को यह हरित बनाए,

भोजन को भी ये दिलाए।

प्रदूषण से भी हमें बचाए।

धूप में हमको छाँव दिलाए।।

बारिश मौसम वर्षा लाए।

मरकर भी ये काम ही आए।।

रेगिस्तान इसकी कमी दिखाए।

तपती धूप इसकी याद दिलाए।।
    
वन उजाड़कर हमने फसल लगाया।

गाड़ी,चिमनी और पेड़ काटकर,

जगत् को हमने दूषित बनाया।।

ऐसा करके अब हम पछताते हैं।

पेड़ की संख्या हो पर्याप्त

इसके लिए आंदोलन भी चलाते हैं।

यह देख आज हमें कसम ये खाना है,

हर वर्ष एक पेड़ जरूर लगाना है।।

रविन्द्र कुमार ‘शिक्षक’

यू. एम. भी. सौरबाजार,सहरसा

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version