जातिगत गणना के….. ..
सुन ल बयार हे.. …..
घर घर गइनी,
आदमी गिननी,
बीबी गिननी,
बुतरू गिननी,
गिननी मोटर कार।
हाय हाय रे सरकार,
अब त दे द पगार,
हाय हाय रे सरकार।
जमीन न दिखैहे हमा…….र,
खेतवा न लिखिहे……. हे।
हे हे मास्टर,
हम ह मेम्बर,
कर देम अत्याचार,
हाय हाय रे सरकार,
दे द अब त पगार,
हाय हाय रे सरकार।
जातिगत गणना के…….
रहले खुमार हे……….
द्वारे द्वारे भटकत रहली,
दस दस घण्टा खटत रहली,
नेतवा के भी बात ना मनली,
ना कईनी बहिष्कार,
हाय हाय रे सरकार,
अब त दे द पगार
हाय हाय रे सरकार।
जातिगत गणना में……..
नकशा बनइली हे……..
चैत के गर्मी, गणना कर्मी,
इस्कूलो करनी,
फोरमवा भरनी,
ऑफलाइन करनी,
ऑनलाइन करनी,
कर देनी ह बेड़ा पार,
हाय हाय रे सरकार,
दे द अब त पगार,
हाय हाय रे सरकार।
✍️निधि चौधरी
स्वरचित एवं मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
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