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हिन्दी (कविता) – Binod Kumar Mandal

हिन्दी 

हिन्दी अपनाकर तो देखो
         बड़ी  प्यारी भाषा  है हिन्दी ।

वतन की भाषा है हिन्दी
           जन जन की भाषा है हिन्दी 
शान   हमारी  है  हिन्दी
           पहचान  हमारी   हैं   हिन्दी
सरकारी  भाषा है हिन्दी
           संस्कारी  भाषा   है   हिन्दी
हिन्दी अपनाकर तो देखो
            बड़ी  प्यारी भाषा  है हिन्दी ।

हर एक ध्वनि का अक्षर है
         कुछ व्यंजन है, तो कुछ स्वर है
आधुनिकता के चक्कर में
        इसे भूल न जाए,बस यही डर है
विरासत  हमारी  है  हिन्दी
           ताकत    हमारी    है    हिन्दी,
ये  देशप्रेम  जगाने  वाली
           चमत्कारी   भाषा   है   हिन्दी
हिन्दी अपनाकर तो देखो
           बड़ी   प्यारी  भाषा  है  हिन्दी ।

गुजरात की  भाषा  है हिन्दी
           महाराष्ट्र  की   भाषा  है  हिन्दी
कुछ राज्य की भाषा है हिन्दी
           पर  राष्ट्र  की  भाषा  है  हिन्दी
ये देश के माथे की बिन्दी
           मजहब  से   ऊपर   है   हिन्दी
हमें एक सूत्र बाँधने वाली
           बहुत  जरूरी  भाषा  है  हिन्दी
हिन्दी अपनाकर तो देखो
           बड़ी  प्यारी  भाषा   है   हिन्दी ।

                            ~ * ~

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