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मंजरी भी न्यारी है – एस.के.पूनम

S K punam

सरसों के पीले-पीले,
फलियों में दाने भरे,
झूम रही हवा संग,कलियाँ ये प्यारी है।

रस चूसे मधुकर, किसलय पर बैठ
बनाया है देवाहार,अद्भुत तैयारी है।

पूनम की रात आज,
महकी है रातरानी,
तारों की बारात आई,दृश्य मनोहारी है।

पतझड़ का मौसम,
पल्लव निकल रहे,
पुष्प खिले तरू पर,मंजरी भी न्यारी है।

एस.के.पूनम

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