रुपहली आभा संग, लिए हुए लाल रंग, उदित है प्रभाकर,प्रवेश उजास का । हर्षित हो वसुंधरा, इठलाते झूमे भौंरा, हरियाली देख आए,मौसम प्रवास का। आए पंछी उड़ कर, तृण लाए…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
मुंह का निवाला – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मुंह का निवाला गरीबों को दुनिया में, सिर पर छत नहीं, हमेशा अभाव में ही कटता जीवन है। थक जाती आँखें खोज, मुँह का निवाला रोज, शायद हीं भरपेट मिलता…
विशुद्ध हो सटता – एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण (विशुद्ध हो सटता) घर-बार छोड़ कर, करते हैं योग ध्यान, बिछा हुआ भ्रम जाल,काटे नहीं कटता। आदान-प्रदान कर, कुँज मुंज सजाकर, चमत्कार देख कर,गुप्त नाम रटता। लघु…
करती हूँ बंदगी – एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण (करती हूँ बंदगी) तरसती है निगाहें, भरती हैं नित्य आहें, भूखे पेट तड़पती,मजबूर जिन्दगी। भाग्य से निवाला मिला, जूठन भी मिला गिला, आहार विनाश कर,फैलाए क्यों गंदगी।…
जब से आई गरमी – मीरा सिंह “मीरा”
सूरज बाबा ने हद कर दी सुबह सवेरे आते जल्दी। सूनी सूनी सड़कें गलियाँ दुबके बैठे बच्चे घर जी। आंख मींचते आ जाते हैं बिन पहने ही अपनी वर्दी। गरमी…
मौसम का असर – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
रात दिन में भी ज्यादा- पड़ता है फर्क नहीं, ज़ालिम मौसम देखो, ढा रहा कहर है। जैसे -जैसे दिन ढले, चिलचिलाती लू चले, अब तो ये सुबह भी लगे दोपहर…
संसार करे सम्मान – एस.के.पूनम
भूखी प्यासी चल रही, साँवली सलोनी नारी, ठौर न ठिकाना कहीं,आशियाना आसमान। जननी पुकारे कोई, नभ तले मिली सोई, अपना न सुत-पुत,कैसे करे अभिमान। तपी है कंचन काया, करुणा से…
मेरी कलम बहुत छोटी – नीतू रानी
मेरी कलम बहुत छोटी लिखती है छोटी और मोटी, रूकने का कभी नाम नहीं लेती अंग्रेजी, हिंदी सबकुछ लिखती। कभी पर्स में कभी जेब में कभी टेबल पर खड़ी वो…
विश्व महावारी स्वच्छता दिवस – नीतू रानी
मेरे स्कूल के बच्चे दिल के बड़े हैं सच्चे। सभी बच्चियाँ मिलकर खेल रही है खेल, कभी अलग हो जाती कभी रहता बहुत है मेल। कभी बनती दुर्गा कभी बनती…
रूपघनाक्षरी – एस.के.पूनम
भोर का आगा़ज कर, शोर करे नभचर, जाग गए नर -नारी,पहुँचे हैं खलिहान । कुदाल है कंधे पर, टोकरी है माथे पर, कीचड़ में सने पैर,काश्तकार पहचान। भूमिपुत्र अन्नदाता, मोहताज…