Site icon पद्यपंकज

बाल दिवस-नूतन कुमारी

बाल दिवस

बेहद उत्कृष्ट है 14 नवंबर की गाथा,
इस दिन जन्मे थे महान नेहरू चाचा,
ह्रदय में उनके बाल प्रेम अथाह, अनंत,
थे वो “आराम हराम है” नारे के दाता।

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे नेहरू,
हर बच्चों की अतुल्य मुस्कान थे वो,
गरीबों से थी उनकी अटूट सी मित्रता,
प्रेम, स्नेह और दया की पहचान थे वो।

भारत सरकार ने उनके अथाह प्रेम को,
देशवासियों में सर्वोच्च सम्मान है दिया,
विशेषकर उनके पावन जन्म दिवस पर,
बाल दिवस का महत्वपूर्ण स्थान है दिया।

बच्चों के लिए यह दिवस है लाया,
भरपूर खुशियाँ और सुंदर संदेश है,
बाल दिवस पर हम सभी बच्चों को,
देते मिठाइयाँ और स्नेह शुभाशीष हैं।

प्रतियोगिता में सहभागिता हेतु,
सजग हो गए हैं अब सारे बच्चे,
एक से बढ़ कर एक कलाएँ,
प्रस्तुत करें, वो हैं मन के सच्चे।

विद्यालय की रौनक को देखकर,
यूँ मन हर्षित हो झूम उठा है,
बच्चों के कला प्रर्दशन ऐसे कि,
तालियों से प्रांगण गूँज उठा है।

स्वरचित व मौलिक
नूतन कुमारी (शिक्षिका)
पूर्णियाँ, बिहार

Spread the love
Exit mobile version