मनहरण घनाक्षरी- जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

सिर घुँघराले लट, तन पीतांबर पट, बहुत है नटखट, साँवरा साँवरिया। मंत्र मुक्त होता कवि, जाता बलिहारी रवि, मन को लुभाती छवि, होंठों पे बाँसुरिया। जाता पनघट पर, ग्वाल-बाल मिलकर,…

माँ- दीपा वर्मा

माँ के बिन न हमारा अस्तित्व संभव है। न हमारा जीवन। न संसार , न हमारे अच्छे संस्कार। दुनिया मे अगर कोई हमारा सगा है तो हमारी माँ। मां की…

माँ तुम कितनी अच्छी थी- नीतू रानी

विषय – माँ (मदर्स डे) शीर्षक -माँ तुम कितनी अच्छी थी। माँ माँ तुम कितनी अच्छी थी बिल्कुल देवी जैसी थी , हृदय तुम्हारा स्वच्छ व शीतल पवित्र नदी गंगा…

प्रेम का उपहार – एस.के.पूनम

🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 वार्णिक मुक्तक(वर्ण भार-13 ) प्रदत्त विषय- काजल। (प्रेम का उपहार) प्रिया जब मिली थी हुआ बेकरार, प्रीत पा प्रेयसी से किया इकरार, बिताया जाग दिवा हो या…

बापू – नीतू रानी

आज है 02 अक्टूबर का दिन आज का दिन है बड़ा महान, आज हीं जन्म लिए मेरे बापू हम सब मिलकर करते हैं इन्हें नमन। 02 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर…

भाई दिवस – नीतू रानी

तर्ज -सावन का महीना पवन करे शोर—-२। भैया दिवस गीत जेठक महीना तारीख 24 दिन बुधवार सब बहिना मनाबै आय भैया दिवस के त्योहार। बचपन में हम भैया संग खेललौं,…

आलस्य से मुंह मोड़ो- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

पक्षियों ने छेड़े राग, प्यारे बच्चों जाओ जाग, भोर की सुहानी बेला, स्वच्छ आसमान है। अब तो विस्तर छोड़ो, आलस से मुंह मोडो, आराम है बड़ा रोग, कहता किसान है।…