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आधुनिक परिवार-आँचल शरण

आधुनिक परिवार

आधुनिक परिवार का हो गया है कैसा हाल,

सब रहना चाहते अपने आप में सिमट कर खुशहाल।

अब बूढ़े माता-पिता भी लगते है दूर के रिश्तेदार,

यही है आधुनिक परिवार का बदतर हाल।

बच्चे तरसते दादी-नानी का सुनने को हाल,

पर क्या करे! उनके माता पिता ने ही बना दिया उनको रिश्तेदार।

शायद वो भूल गए है भगवान का इंसाफ,

जो हर गुणाह का कर देता है बराबर इंसाफ।

भविष्य में उनके साथ भी होगा ऐसा हाल,

जब भगवान करेगा उनका इंसाफ।

आँचल शरण
प्रा. वि. तप्पूटोला
 बायसी पूर्णिया बिहार

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