Site icon पद्यपंकज

अलविदा साल 2020-मनु कुमारी

अलविदा साल 2020

हे! साल 2020
आज करते हैं हम तुम्हें विदा!
ऐसी विदाई किसी ने न की है,
लाखों जिंदगी की सौगात तूने ली है,
खून के अश्रु हैं तूने बहाए,
संग अपने तूने जो यमदूत लाए। 
कहते हैं हम तुम्हें अलविदा!
अब फिर कभी न आना,
हमारी खुशहाल जिन्दगी में
कभी गम न भरना,
जाओ खुदा ने है तुझको पुकारा,
कोई काम अब यहाँ नहीं है तुम्हारा। 

हमें याद है वह मंजर जिस दिन तुम आए,
पूरी दुनियाँ में आकर तबाही मचाए,
हमसे छीना है तूने वो जिसकी भरपाई न होगी ,
2020 अब किसी की जुबॉं पर न होगी,
बच्चों से उसके पिता तूने छीना,
बहन से उसके भाई को,
छीना जो तूने पत्नी से पति को,
माँ को है छीना उसके नवजात शिशु से,
ना जाने कितने रिश्तों से रिश्तों को छीना,
सभी सुख आराम तूने पलभर में छीना,
हाँ है तुझपे गुस्सा, और द्वेष भी है तुझसे,
दुख में दिए हैं हमने बद्दुआ भी तुमको,
विधि का विधान था ये समझ आया अब हमको। 

हाँ ऐसा नहीं कि सिर्फ लिया हीं लिया है,
आकर तूने बहुत कुछ दिया है। 
दिया है तुने-
नदियों को साफ पानी। 
पेड़ों को हड़ियाली। 
पहाडों को झरनें। 
बेघर पशुओं को घर। 
धडकनों को सांसें। 
जीवन को अर्थ। 
रिश्तों को प्यार। 
बागों में बहार। 
गर्मी को ठंडी हवाएँ। 
सूखे को बरसात। 
जिंदगी को मौसमी सौगात। 
अपनों को अपनों का साथ। 
स्वच्छ, घर आंगन, कपड़े
और सद व्यवहार। 
सेनेटाईजर मास्क का हमेशा व्यवहार। 
शाकाहार, सात्विक आहार के संग,
आध्यात्मिकता से लगाव। 
रामायण और महाभारत धर्मग्रंथो एवं धारावाहिकों से प्रीत। 
समझाया जगत की रीत। 
ईश्वर में अटूट एवं अचल विश्वास। 
प्रकृति से प्रेम। 
आपसी, प्रेम, मित्रता, सद्भाव का संदेश। 
बुजुर्गों की सेवा को लौटाया, उनकी संतान। 
समझाया जीवन का मर्म। 
बताया जरूरी है सद्कर्म। 

हे ! साल 2020,
तुम “कोरोना काल” से जाने जाओगे। 
ना चाहते हुए भी तुम सबको याद आओगे। 
याद रखेंगे उसको जो तूने सीख दी है। 
प्रकृति से खिलवाड़ न करने की
शपथ हमने ली है। 
ज्यादा नहीं, थोड़े की है जरूरत।

लालच भरी जिंदगी की बदलनी है सूरत। 
बुरा करना चाहा तो बुरा मैंने पाया। 
परोपकार और भलाई से सुकून मैंने पाया। 
नाम के अनुसार तूने दिया जहाँ को विष। 
अब न देखेंगे पीछे मुड़कर,
ना करेंगे तुझे मिस। 
ईश्वर के चरणों में नित नवायेंगे हम शीश, 
आशीष देने आ रहा है 2021 
तुम्हारी सबक को याद रखेंगे सभी,
कि जाओ “साल 2020
फिर न आना कभी l
हे “साल 2020” फिर ना आना कभी। 
🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐

स्वरचित एवं मौलिक
मनु कुमारी
प्रखण्ड शिक्षिका
पूर्णियाँ बिहार

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version