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छठ की महिमा -अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath-Trivedi

1    छठ की महिमा

तन  ,मन, धन , श्रद्धा ,भक्ति ,
एक साथ हो जिस पर्व मे ।
भक्ति का यह अनुपम पर्व ,
दिखता हो जब भारतवर्ष मे ।

ख्याल   शुद्धता का जिसमे ,
 सबसे अधिक रखा जाता ।
यही छठ पर्व वर्ष बाद आकर ,
जीवन मे अतुलित आनंद लाता।

जीवन मे शुद्धता की ऐसी मिसाल
और   कभी  कहीं नही   दिखता  ।
पर  छठ  महापर्व  के  आते  ही
चारों तरफ शुद्धता  ही मिलता ।

क्या बच्चे , बूढ़े , जवान ,
सभी भक्ति मे डूबे होते हैं ।
अपने ऊपर कष्ट उठाकर भी ,
किंचित धैर्य  नही कभी खोते हैं ।

ऐसी शुद्धता ; ऐसा आनंद है इसमे ,
जो तन – मन को परिष्कृत कर देता ।
मन मे उज्जवल  भाव   उजागर कर ,
दिल मे  असीम आनंद   भर देता ।

कार्तिक मास के इस महापर्व  को ,
सब मिल श्रद्धा भाव से मनाते ।
जीवन की अनगिनत शुद्ध भाव भी
इसमे अपने  आप   जुड़ जाते ।

ऐसा पर्व  कोई और नही जो
इतनी भावों  मे शुद्धता भर दे ।
ऐसा   पर्व   कोई   और   नही ,
जो मन को इतना निर्मल  कर दे ।

अमारनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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