1 छठ की महिमा
तन ,मन, धन , श्रद्धा ,भक्ति ,
एक साथ हो जिस पर्व मे ।
भक्ति का यह अनुपम पर्व ,
दिखता हो जब भारतवर्ष मे ।
ख्याल शुद्धता का जिसमे ,
सबसे अधिक रखा जाता ।
यही छठ पर्व वर्ष बाद आकर ,
जीवन मे अतुलित आनंद लाता।
जीवन मे शुद्धता की ऐसी मिसाल
और कभी कहीं नही दिखता ।
पर छठ महापर्व के आते ही
चारों तरफ शुद्धता ही मिलता ।
क्या बच्चे , बूढ़े , जवान ,
सभी भक्ति मे डूबे होते हैं ।
अपने ऊपर कष्ट उठाकर भी ,
किंचित धैर्य नही कभी खोते हैं ।
ऐसी शुद्धता ; ऐसा आनंद है इसमे ,
जो तन – मन को परिष्कृत कर देता ।
मन मे उज्जवल भाव उजागर कर ,
दिल मे असीम आनंद भर देता ।
कार्तिक मास के इस महापर्व को ,
सब मिल श्रद्धा भाव से मनाते ।
जीवन की अनगिनत शुद्ध भाव भी
इसमे अपने आप जुड़ जाते ।
ऐसा पर्व कोई और नही जो
इतनी भावों मे शुद्धता भर दे ।
ऐसा पर्व कोई और नही ,
जो मन को इतना निर्मल कर दे ।
अमारनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

