अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि
देश का मान बढ़ाया तूने अनेकों सैनिक से।
तिरंगे ने सिर छुपा लिया है तेरे अंतिम बलिदान से।।
तेरे रन कौशल से डरकर दुश्मन शीश झुकाता था,
तेरी व्यूह रचना के आगे दुश्मन भी घबराता था।
सेना ने मोर्चे पर बढ़ना सीख लाया तीर-कमान से।।
बात-बात पर चीन हमेशा भारत को आंख दिखाता था,
सीमा पर गोलीबारी कर पाकिस्तान भी गुर्राता था।
आक्रमणकारी को मार भगाया सेना ने विमान से।।
उग्रवादियों को धूल चटाया ऑल आउट कार्रवाई से,
आतंकवादियों का किया सफाया तूने एयर स्ट्राइक से।
दुनिया को अवगत कराया सैनिक क्षमता का हिंदुस्तान से।।
अद्भुत नेतृत्व क्षमता था तुम में हमें बहुत आते हो याद,
विलख रही है भारत माता तेरे अचानक जाने के बाद।
जो मुकाम तूने हमें दिलाई ऊंचा उठा सिर अभिमान से।।
रहोगे सदा यादों में जिंदा मरकर भी अमर रहोगे तुम,
देश के खातिर प्राण गंवाए नहीं हमसे दूर रहोगे तुम।
लेगी प्रेरणा भारत की जनता देखोगे तुम आसमान से।।
तिरंगे ने सिर झुका दिया है तेरे अंतिम बलिदान से।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,
पटना, बिहार