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बैंगन की सगाई-निधि चौधरी

बैंगन की सगाई

बैंगन ने धूम धूम शादी रचाई,
दुल्हन बन के भिंडी है आई।

नाचे करेला और अदरक भाई
गोभी ने झूम झूम मंडप सजाई।

शलजम परबल समधी बने है।
इक दूजे से देखो गले मिले है।

आलू जी बन गए है फूफा आज,
हो गए है आलू जी देखो नाराज।

मिर्ची ने सबको बात ये बताई,
मनाने को गाजर, मूली भी आई।

पालक ने ढम ढम ढोलक बजाया,
मटर ने गोल गोल सबको नचाया।

प्याज और लहसन बाराती बने है,
सेम और सहजन भी साथ चले है।

झूम झूम भिंडी की हो गई विदाई,
बैंगन ने धूम धूम शादी रचाई।

निधि चौधरी
प्राथमिक विद्यालय सुहागी
किशनगंज, बिहार

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