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बापू के संदेश-संयुक्ता कुमारी

बापू के संदेश

हमारे राष्ट्रपिता बापू ऐसे महान ।
सत्य अहिंसा ही उनकी पहचान ।

रघुपति राघव राजा राम ।
यही थे उनके अंतिम गान।।

अंग्रेजों भारत छोड़ो था उनका नारा ।
कुछ नहीं बाबू को आजादी से प्यारा।।

पूरा विश्व में उनका यही संदेश । अपनाओ प्रेम किसी से रखो ना मन में द्वेष।।

सादा जीवन उच्च विचार।
स्वच्छता अपनाओ उनका व्यवहार।।

चरखा थी उनकी अपनी पहचान ।
सत्याचरण से बढ़ाया देश का मान।।

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत गांधी का सपना।
लाख मुसीबत आए पर स्वाधीन रहे देश अपना ।।

सबों का करें सम्मान छोटों को प्यार। सदा सत्य के रहे पूजारी करुणा की जलधार ।।

गाँधीजी के वचन बताये तीन बंदर ।
बुरा मत देखो, मत सुनो, मत बोलो गुण उनके अंदर ।।

किसी की भी दासता उन्हें नहीं स्वीकार ।
बताये कभी न करो किसी पर अत्याचार।।

भगवान का कोई धर्म नहीं जहाँ प्रेम वहाँ जीवन है ।
प्रार्थना और आत्मलोकन जीवन का आधार है।

पाप से घृणा करो पापी से नहीं ।
मन की पवित्रता और सेवा भाव सिखाए यही ।।

बताये सामाजिक सात पाप

सिद्धांत के बिना राजनीतिक, कर्म के बिना धन ।
राम हो हर हृदय में कभी न हो पापी मन ।।

चरित्र के बिना धन, आत्मा के बिना सुख ।
स्वदेशी अपनाओ कोई न रहेगा दुःख ।।
नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान ।
सब का उद्देश्य सर्वोदय जिससे बने विश्व महान ।।

सातवां पाप बताये व्यर्थ है त्याग के बिना पूजा ।
सभी धर्म में आदर रखे न रखे दिल में द्वेष दूजा।।

हमे नाज बापू पे राष्ट्र प्रेम भरा उनके रोम-रोम में ।
आने वाले पीढ़ी को दे गए संदेश जीना मरना देश प्रेम में।।

संयुक्ता कुमारी
संकुल समन्वयक
क. म. वि. मलहरिया
प्रखंड बायसी
जिला पूर्णिया

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