भवानी आ गयी है, घर हमारे।
खुशी अब छा रही है, जग निहारे।।
किया वंदन उन्हें सब, चरण धोएँ।
अलौकिक रूप देखा, मगन होएँ।
हमारे पास आकर, आज बोली।
हमारी मात प्यारी, राज खोली।।
कही ममता लुटाकर, सौम्य स्वर में।
कहो क्यों तुम दुखी हो, स्वर्ण क्षण में।।
अभी हम आ गए हैं, बात कर लो।
तुम्हें अब मैं बताऊँ, याद कर लो।।
किया जो भक्ति मेरी, नित्य तूने।
भला अब कष्ट को मैं, दूँ न छूने।।
विजय पाना तुम्हें है, गाँठ धर लो।
मिलेगी हार कैसे, शक्ति वर लो।।
हमारा भक्त कोई, हारता क्या?
कभी भी काल उसको, मारता क्या?
हमारा पुत्र तू है, अम्ब मैं हूँ।
तुम्हारे दर्द का भी, लम्ब मैं हूॅं।।
उठो पथ पर चलो तुम, लक्ष्य साधो।
सदा मैं हूॅं तुम्हारा, हृदय बाँधो।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला
बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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