छठ-महापर्व- गीत (प्रदीप छंद)
झूम रहा है मन मयूर अब, पूरण होगी आस हो।
सूर्य देव की करे साधना, मन में रख विश्वास हो।।
चार दिनों का है व्रत पावन, मानवता के संग में।
पूज रहे हम सूर्य देव को, डूब भक्ति के रंग में।।
महा-पर्व की तैयारी के, अवसर पाकर खास हो।
सूर्य देव की करे साधना, मन में रख विश्वास हो।।०१।।
तन-मन पावन करने वाले, सुंदर से इस रीत में।
समता मूलक भाव सहज है, जीवन के हर गीत में।।
इस अवसर पर सारे परिजन, रहते आकर पास हो।
सूर्य देव की करे साधना, मन में रख विश्वास हो।।०२।।
अंशुमाली दिप्यमान हो, अम्बर बसे सजीव में।
दिव्य किरण से ऊर्जा आती, भूतल पर हर जीव में।।
आज कृपा मुझपर भी कर दो, मैं बन जाऊँ खास हो।
सूर्य देव की करे साधना, मन में रख विश्वास हो।।०३।।
गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

