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चिड़िया की सीख-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

Jainendra

चिड़िया की सीख

सुबह सुबह को छत पर मेरे,
एक छोटी चिड़िया आती है।
रोज फुदक कर दाना चुगती,
जीवन का पाठ पढ़ाती है।।
जीवन में संघर्ष बहुत है,
हार कभी नहीं मानो।
वक्त हमारा बहुत कीमती,
सही अवसर को पहचानो।।
कष्टों से लड़ना सिखलाती,
जीने की राह बतलाती है।।
पत्थर पर दूब जमा सकते हो,
ताकत है तुम्हारी बाहों में।
कांटों पर चलना सीखोगे,
तो फूल बिछेंगे राहों में।
वर्षा तूफानों को सहती है,
तनिक नहीं घबराती है।।
सोच समझकर कदम बढ़ाकर,
अपने फ़ैसले पर अड़ना होगा।
मंजिल पाने के लिए हमेशा,
विघ्न-बाधाओं से लड़ना होगा।
दुश्मन से सदा रहती चौकन्ना,
अपना खुद ही बोझ उठाती है।।
गली-गली की खाक छानती,
वह अपनी भूख मिटाने को।
मेहनत से तुम कभी न भागो,
है देती संदेश जमाने को।
पराधीनता वह नहीं चाहती,
स्वतन्त्र जीवन बिताती है।।

जैनेन्द्र प्रसाद रवि
पटना, बिहार

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