चिड़ियाँ रानी
सुबह-सुबह जब चिडियाँ रानी ,
मीठे-मीठे गीत सुनाती।
फुदक-फुदक कर दाना चुगती,
चोंच खोलकर पीती पानी ।
रंग बिरंगी पंखों वाली,
सब के मन को है हर्षाती ।
तिनका-तिनका चुन चुनकर,
फिर वो अपना महल बनाती।
लाल गुलाबी नीली पीली,
हरे बैगनी और काली
अनगिनत हैं रंग इनके,
सब के मन को मोह लेती।
सबके घर में खुशियाँ लाकर,
असमान में फिर उड़ जाती।
कभी न थकती,
कभी न रुकती
वापस फिर से खुशियाँ लेकर,
नित्य क्रिया में वह लग जाती
प्रीति कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मऊ विद्यापति नगर समस्तीपुर
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