कोरोना से जंग
थम सी गयी है जिंदगी,
रुक गए हैं जैसे कदम।
जिनसे मिल लिया करते थे हमेशा,
उनसे मिलना हुआ दुर्गम।।
कोरोना ने जन-जीवन को किया त्रस्त,
जाने कितनों के सपने हो गए ध्वस्त।
कोरोना ने मानव को मानव से किया दूर,
सभी हुए अपनों से, अलग रहने को मजबूर।।
मुश्किलें तो आती रहेंगी,
पर हमें नहीं रुकना।
सपनें जो देखे हमने,
अभी पूरा है करना।।
ऐसा वक्त भी आएगा,
जब भारत कोरोना को हराएगा।
है बाँकी अभी भी हौसला,
हमने बनाया है, उम्मीदों का घोसला।।
जंग तो हमने बहुत लड़ी,
कोरोना की क्या औकात।
यूँ हीं नहीं करने देंगे इसे,
मानवता को बर्बाद।।
जब सभी का होगा संग,
तो जीत जाएँगे, कोरोना की जंग।
लवली वर्मा
प्राथमिक विद्यालय, छोटकी रटनी,
हसनगंज, कटिहार
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