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दिवाली-भोला प्रसाद शर्मा

दिवाली

आई दिवाली खुशियाँ लाई
लक्ष्मी मैया घर है आई

जगमग करते आँगन सारे
कली लता है रंग उभारे

बाबू जी हैं लाई मिठाई
दीप जलाकर खुश है माई

कुबेर भैया जी धन बरसाया
दीप प्रज्वलित कर मन हर्षाया

जो गाये मैया जी का तराना
भर जाये उनका सारा खजाना

दिवाली का यह त्योहार अनोखा
जो लाये खुशियों का झरोखा

सबको हम हैं गले लगाते
शिकवे-गिले को दूर भगाते

रंग-बिरंगे दीप जलाते
मनमोहक खुशियों को अपनाते

चारो ओर होता उजियाला
सजती है दीपों की माला

बाजारों में रौनक है छाई
दिवाली का त्योहार है आई

दिवाली है दीप का मेला
न रह जाये अपना कोई अकेला

नफरत की दीवार जलाओ
मन का तुम अंधकार मिटाओ

करोना की दिवाली बहुत ही खास
मास्क सेनेटाईजर रखना पास

दिवाली का नाम उपहार
प्रदूषण मुक्त रखो घर द्वार।

भोला प्रसाद शर्मा
पूर्णिया (बिहार)

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