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दिवाली-निधि चौधरी

दीवाली

चंचल वन में मनी दीवाली,
घनी अंधेरी रात थी काली।

चंपू खरगोश दिमाग लड़ाया,
जुगनू की टोली बुलवाया।

जगमग जगमग जुगनू चमके,
खाई मिठाईयाँ सबने जमके।

किसी ने पटाखे नही चलाए,
फूलों से घर सबने सजाए।

लोमड़ी रानी बनाई रंगोली,
खूब हुई फिर हँसी ठिठोली।

नहीं हुआ कोई शोर शराबा,
बिन पटाखे मनी दीवाली।

निधि चौधरी
प्राथमिक विद्यालय सुहागी
किशनगंज, बिहार

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