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दोनों है एक समान-विजय सिंह नीलकण्ठ

दोनों है एक समान

बेटा बेटी एक समान 
रखें सभी अब इसका ध्यान 
अंतर न है इसको जान 
दोनों पर सबको अभिमान।
एक ही मॉं के कोख में पलते 
एक दूजे के साथ खेलते 
स्कूल कॉलेज साथ निकलते 
दोनों निर्भीक हो दिखे टहलते। 
रूढ़िवादी सोच को बदलें 
तुच्छ मानसिकता से निकले 
दोनों में न अंतर भाई 
यही है सत्य जाने सच्चाई। 
बेटी भी हर क्षेत्र में दिखती 
मेहनत कर स्व किस्मत लिखती 
स्वयं से सब कुछ है सीखती 
मत सोचो है निर्भर दिखती। 
मिलता है सम्मान दोनों को 
कहते मात पिता के शान दोनों को
करते देखते काम दोनों को
आशीर्वाद एक समान दोनों को।
आदर्श विवाह को हीं अपनाएं 
बेटा बेटी का मान बढ़ाएं 
पुरुष सोच को दूर भगाएं 
एक जैसी भावना अपनाएं 
क्योंकि दोनों है एक समान 
रखें सभी अब इसका ध्यान।
विजय सिंह नीलकण्ठ
सदस्य टीओबी टीम
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