माता का दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी
माता तेरे चरणों की धूल,
मेरे आंचल में खिल जाएं फ़ूल
तुम बिन ना कोई मेरा सहारा,
तू ही है मेरी जीवन धारा,
तेरी भक्ति में है अटूट विश्वास
कभी न टूटे ए डोरी की आस
माता तेरे चरणों की धूल
मेरे आंचल में खील जाए फुल
तू है कण कण की बासी,
तेरे एक नयन की हूं मैं प्यासी,
माता तेरी शक्ति है महान,
मैं बालक अबोध नादान,
तेरी महिमा है न्यारी,
तुझ बिन कौन है खेवनहारी ,
माता तेरे चरणों की धूल,
मेरे आंचल में खील जाए फुल।
मेरी कलम
डॉ पूनम कुमारी
दरियापुर
सारण
संपर्क 8797689364
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