ईद
ईद आई है, ईद आई है,
कपड़े नए पहनकर निकले,
बच्चे-बूढ़े सारे!
उतरे हों आसमान से ज्यों,
झिलमिल-झिलमिल तारे।
प्यारे से होंठों पर सबके
खुशियां छाई है।
ईद आई है, ईद आई है।।
‘ईद मुबारक’ कह अब्बा ने
दी है सबको ‘ईदी’,
पकवान मीठे खाकर आज
खुश हैं भैया, दीदी।
गले लगाने दादी मुझको
पास बुलाई है।
ईद आई है, ईद आई है।।
है सजी ईदगाह निराली,
यहां लगा मेला है।
रंग-बिरंगे खेल-खिलौने
बड़ा चाट ठेला है।
मीठी-मीठी गरम जलेबी
सबको भायी है।
ईद आई है, ईद आई है।।
मेराज रज़ा
शिक्षक
रा० उ० म० विद्यालय ब्रह्मपुरा, मोहिउद्दीननगर,
समस्तीपुर, बिहार
0 Likes