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गाँधी-प्रभात रमण

गाँधी 

गाँधी भारत की भावना का सार है ।
गाँधी सभी धर्म जाती का परिवार है ।
गाँधी सभी परम्पराओं का संविधान है ।
गाँधी से बना भारत महान है ।
गाँधी देश की आत्मा का नाम है ।
गाँधी सत्य निष्ठा का काम है ।
गाँधी एक तपस्या है,भावना है, प्यार है ।
गाँधी का नाम तो अनंत के भी पार है ।
पर पता नही अब क्यों ,
सत्य हैरान है, परेशान है ।
गाँधी बना नादान है ।
तीनों बन्दर सो गया है ।
पशुता हावी हो गया है ।
गाँधी को पड़ती हैं गालियाँ ।
जैसे पेड़ की जड़ों को ,
कोसती हो उनकी डालियाँ ।
मन में सिर्फ अहिंसा बचा है ।
मुद्रा में बस गाँधी रचा है ।
सब कोसते हैं गाँधी के अंश को ।
जैसे गिद्ध सम्मानित करता हो हंस को
इसीलिए अब राष्ट्र का गौरव मिट रहा है
क्योंकि देश में गाँधी झुक रहा है ।
नाथू सीढियाँ चढ़ रहा है ।
बच्चा पुस्तकों में, गाँधी पढ़ रहा है ।
अब तो लोगों को जगाना होगा ।
हिंसा के पथ को मिटाना होगा ।
राष्ट्र प्रेम बढ़ाना होगा ।
स्वदेशी अपनाना होगा ।
फिर से चरखा चलाना होगा ।
गाँधी को पुनः लाना होगा ।
गाँधी को पुनः लाना होगा ।

प्रभात रमण
मध्य विद्यालय किरकिचिया
प्रखण्ड – फारबिसगंज
जिला – अररिया

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