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गिरकर उठना सीख लें-लवली वर्मा

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गिरकर उठना सीख ले

मुसीबतों की दौड़ में,
तू मुस्कुराना सीख ले।
बेशक मिले ठोकरे तुझे,
गिरकर उठना सीख ले।
गिरकर उठना सीख ले।।

मार्ग तेरे हैं कठिन,
जीत पर कर यकीं।
पथरीले राहों पर तू,
पुष्प खिलाना सीख ले।
गिरकर उठना सीख ले।।

तूफानों से न डर कभी,
करना तू जो हो सही।
हवाएं चाहे हो विपरीत,
हवाओं का रुख मोड़ के,
गिरकर उठना सीख ले।
गिरकर उठना सीख ले।।

आशाओं के पंख से तू,
एक नई उड़ान भर।
अपने सुनहरे पंख से,
आसमा को नाप ले।
गिरकर उठना सीख ले।
गिरकर उठना सीख ले।।

लवली वर्मा
प्रा. वि .छोटकी रटनी
हसनगंज, कटिहार

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