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हमारा प्रेम हमारी ताकत-नीतू रानी

हमारा प्रेम हमारी ताकत

प्रेम बिना ताकत नहीं
प्रेम बिना नहीं ज्ञान,
बिना प्रेम संबंध नहीं
प्रेम बिना न सम्मान।

जिससे जिसको प्रेम है
न रह सकते उसके बिना,
जीते हैं सिर्फ प्रेम हीं के लिए
प्रेम हीं प्रेम वहाॅ॑।

राधा और मीरा ने
किया कृष्ण से सच्चा प्रेम,
दोनों का नाम जग में अमर हुआ
कर न सकेगा अब कोई
ऐसा सच्चा प्रेम।

प्रेम से हीं सुख उपजै
बिना प्रेम दुःख होय,
प्रेम में हीं मंगल सदा
बिना प्रेम अमंगल हीं अमंगल होय।

जहाँप्रेम वहाँ ताकत है
बिना प्रेम शक्ति हीन,
वहाँ जीन हरदम रहे
प्रेम जगत ब्रह्मलीन।

जहाँ है एकता में शक्ति
वहीं होती है हरि की भक्ति,
वहाँ टिक न सकेंगे दुश्मनों की बस्ती
और न चलेगी उसकी जोर जबरदस्ती।
क्योंकि एकता वालों में है जबरदस्त शक्ति।

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नीतू रानी प्र०शि० बायसी
पूर्णियाँ बिहार
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