हँसिए और हँसाइए
हर चेहरे की नूर है हँसी
कभी चुपके से मुस्कुराती
कभी खिलखिला कर हँसती, हँसी
जीने की वजह
बन जाती, हँसी
दर्द भुलाने की दवा
बन जाती, हँसी
कभी दर्द को छुपाती, हँसी
चिंताओं से मुक्ति देती, हँसी
आशा और उम्मीद
दे जाती, हँसी
हौसलों को उड़ान
दे जाती, हँसी
अकेलापन दूर
कर जाती, हँसी
राज भी खोल
जाती है हँसी
पहेलियों को
सुलझा देती, हँसी
रूठो को भी
मना लेती, हँसी
जीत की वजह
बन जाती, हँसी
निराशा में आशा
दे जाती, हँसी
कभी जाने पहचाने
आ जाती हँसी
कभी बेवजह भी
आ जाती हँसी
खुशबू बिखेरते रहिए
अपनी हँसी की
हर चेहरे की पहचान
बन जाए ये हँसी
हँसिये और हँसाइए
हँसकर सबको
जिंदगी जीना
सिखाइए।
अपराजिता कुमारी
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय
जिगना जगन्नाथ
हथुआ गोपालगंज
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