हार नहीं मानूंगी
हार नहीं मानूंगी
मैं हार नहीं मानूंगी
चाहे स्थिति-परिस्थिति कैसी भी हो
न मनोबल को गिराऊंगी
करूंगी हर मुश्किल से डटकर मुकाबला
किन्तु हार नहीं मानूंगी ।
दूंगी बेशक जीवन की हर कसौटी पर परीक्षा
खुशी में हसुंगी तो दुःख की पीड़ा भी सहूंगी
हर चुनौती से लडूंगी
किन्तु हार नहीं मानूंगी ।
करूंगी बुलंद अपने हौंसले को
विषम, विकट, विपरीत घड़ी को
अपने अनुकूल बनाऊंगी
किन्तु हार नहीं मानूंगी ।
सत्य, संघर्ष की राह पर
निश्चित मैं चलूंगी
गिरूंगी, गिरकर फिर से मैं उठूंगी
जुटा हिम्मत निश्चय हीं मैं गगन चुमूंगी
किन्तु हार नहीं मानूंगी
हरगिज हार नहीं मानूंगी ।
मधु कुमारी
कटिहार
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