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हरदम रहते हैं तैनात-विजय सिंह नीलकण्ठ

हरदम रहते हैं तैनात

हमसब हैं निर्भीक हो जीते
सुख सुविधा की प्याला पीते
जिसके कारण यह सब संभव
वे कभी न सोते हरदम जगते
सीमा पर आए शत्रु के
खट्टे करते हरदम दॉंत
ऐसे हैं भारत के सैनिक
जो हरदम रहते हैं तैनात।
लू चले या हिम प्रपात हो
विचलित कभी न दिखते वो
फौलादी जिगर हो जिसमें
जोश जज्बा बल भरा हो उसमें
दुश्मन देश के सैनिकों के
खट्टे करते रहते दॉंत
ऐसे हैं भारत के सैनिक जो
सीमा पर रहते तैनात।
स्व माता से बढ़कर उनको
मातृभूमि होती प्यारी
जिनकी रक्षा करने हेतु
छोड़ देते वे घर व द्वारी
उनके अंदर न कभी है दिखते
भावना जैसी जात पॉंत
ऐसे हैं भारत के सैनिक
जो हरदम रहते हैं तैनात।

विजय सिंह नीलकण्ठ
सदस्य टीओबी टीम

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