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हे नूतनवर्ष-मनु कुमारी

  1. हे नूतनवर्ष

हे!
पावन, मधुरम, मंगलकारिणी नूतनवर्ष, करते हैं हम सभी आपका हृदय से स्वागत।
तुम आए हो,
सभी के मन में,
एक नयी सुबह लेकर।
दुखों के बादल को चीरकर।
निराशाओं को पीछे छोड़।
एक सुखमयी आशाओं,
उम्मीदों की डोर लेकर।
आखिरी साँस गिनते हुए मरीज के लिए,
जीवन का वरदान लेकर।
तुम्हारा करते हैं हम हृदय से स्वागत।
हे नूतनवर्ष…..

तुम आए हो,
कोरोना के खात्मा का संकल्प लेकर।
इस वायरस को शून्य में विलिन
कर दोगे।
यह तुम्हारे चमकते प्रकाशपूंज,
अपनी खिल-खिलाहट से,
मानो यही कह रहे हैं।
तुम मरीजों के लिए लाए हो वैक्सीन जो
संजीवनी बूटी का काम करेगा।
हे नूतनवर्ष तुम्हारा हार्दिक अभिनंदन।

तुम लाए हो फिर से,
खुशियाँ लाखों हजार।
अब रहेगी हर बच्चों, बुजुर्गों, युवाओं के होठों पर खुशियाँ,
स्वच्छ रहेंगे वातावरण,
गमकेंगे हर गलियाँ।
हर घर के बच्चे अब खुलकर अंदर-बाहर 

 कर पायेंगे बाल क्रीड़ा।
जा सकेंगे फिर से वो अपना विद्यालय।
फिर से कर पायेंगे पढाई।
अब न होगी दोस्तों से उनकी जुदाई।
फिर से हो सकेगी शादी और सगाई।
बहुत खुशियों एवं उमंगों से सास बहु की करेगी गोद भराई।
लोग थोड़े में संतुष्ट रहेंगे, ईमानदारी से करेंगे पवित्र कमाई।
हे नूतनवर्ष तुम्हें देते हैं हम अनंत बधाई।

नीम, तुलसी, गिलोय, पुदीना
इस्तेमाल करेंगे लोग साल महीना।
आयुर्वेद पर विश्वास बढेगा,
शाकाहार, संयम, सदाचार का
व्यवहार बढेगा।
ध्यान, योग और जप तप से,
हम सभी का धर्मोत्थान होगा।
आपस में भाईचारा बढेगा।
विश्व बंधुत्व का भाव हर दिल में जगेगा।
लोग, सज्जन, उपकारी होंगे।
इस देश से दूर महामारी होंगे।
हे नूतनवर्ष तेरे आगमन पर।
देते हैं हम तुम्हें बधाई।

चिडियों की चहचहाहट,
खिलते फूलों की मुस्कुराहट।
हर बच्चों के माता-पिता,
रहे सलामत।
जिंदा रहेंगे हर रिश्ते का प्यार।
वो लडकपन, वो बाल मनुहार।
सभी करेंगे प्रकृति से प्यार।
माता-पिता से मिलेंगे प्यार और दुलार।
बुजुर्गों की सेवा से फिर उन्नत होंगे हमारे संस्कार।
विश्वगुरु भारत का होगा फिर से जय-जयकार।
आओ हम तुम्हें पहनाते हैं गृमलहार।
हे! नूतनवर्ष तुम्हें नमस्कार🙏

   मनु कुमारी
पूर्णियाँ, बिहार

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