होली के दिन दिल खिल जाते हैं
होली के दिन दिल खिल जाते हैं,
रंगों में रंग मिल जाते हैं।
प्यार जहाँ होता वहीं होती लड़ाई,
गुस्सा रहे पर न होती जुदाई।
होली के दिन सब मिलजुलकर,
हम खुशियों के रंग बरसाते हैं।
होली के दिन दिल खिल…..
घर आंगन हम खूब सजाते,
हंसते गाते जश्न मनाते।
गली-मुहल्ले घूम घूमकर,
सखियों को हम रंग लगाते।
पूए पकवान और मिठाई खाकर,
सबके मन भर जाते हैं।
होली के दिन दिल खिल जाते हैं ….
ईर्ष्या, द्वेष नफरत को भुलाकर,
वैरी को भी गले लगाकर,
स्नेह गुलाल से उसे नहाकर,
प्रेम सुधा बरसाते हैं।
होली के दिन दिल खिल जाते हैं…
अधर्म पर धर्म की जीत है होली,
पाप पर पुण्य की जीत है होली,
काम, क्रोध, मद, लोभ जलाकर हम,
होलिका दहन मनाते हैं।
होली के दिन दिल खिल जाते हैं….
होली रिश्तों में प्यार बढाए,
रूठे को वह पास में लाए।
दो दिलों में मेल कराकर,
इक दूजे का कर जाते हैं।
होली के दिन दिल खिल…
भक्ति की शक्ति होती निराली,
ईश्वर करते भक्तों की रखवाली।
श्रद्धा और विश्वास जो दृढ़ हो
भगवान खंभे में प्रकट हो जाते हैं
होली के दिन दिल खिल जाते हैं
रंगों में रंग मिल जाते हैं।
स्वरचित:-
मनु कुमारी
शिक्षिका
पूर्णियाँ बिहार