जगत में गुरु कहलाता है
गुरु की महिमा होती है अपरंपार
इससे तुम नहीं कर सकते इनकार
जिसके प्रकाश से अंधकार खत्म हो जाता है
वही तो है जो इस जगत का गुरु कहलाता है।
गुरु की महत्ता को प्यारे तुम लो पहचान
इन्हीं के चलते हैं जग में तेरा मान सम्मान
जिसके तेज़ से भय खत्म हो जाता है
वही तो इस जगत में गुरु कहलाता है ।
गुरु की कर ले तू सेवा सत्कार
गुरु की कृपा से होगी बेड़ा पार
जिसके स्पर्श से ही हर पीड़ा दूर हो जाता है
वही तो है जो इस जगत का गुरु कहलाता है।
माता पिता ने तुझे जन्म दिया
भगवान ने है तेरा कर्म लिखा
हैं ईश्वर भी, जो इसकी पहचान कराता है
वही तो है जो इस जगत का गुरु कहलाता है।
आओ हम सब करें गुरु की पूजा अर्चना
जिससे पूरी होगी हमारी हर मनोकामना
जो घर-घर जाकर शिक्षा का अलख जगाता है
वही तो है जो इस जगत का गुरु कहलाता है।
एम० एस० हुसैन
उत्क्रमित मध्य विद्यालय
छोटका कटरा
मोहनियां कैमूर