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महाकाल -जैनेन्द्र प्रसाद

महाकाल
की
देवघर सोमनाथ,
काशी व अमरनाथ,
उज्जैन नगर बीच, बसे महाकाल हैं।

भोलेनाथ उमापति,
बनके जगतपति,
शरणागत भक्तों का-वे रखते ख्याल हैं।

शिव का भजन करें,
चिंतन मनन करें,
मुसीबत आने पर, बन जाते ढाल हैं।

अब हमें डर कैसा,
करूंँगा कहेंगे वैसा,
साथ में हमारे जब, कालों के भी काल हैं।

जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

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