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जीत-मधु कुमारी

Madhu

 

जीत

जीत तुम्हारी होगी बेशक
है इसमें न कोई शक
क्योंकि विधि का विधान है
असत्य पर सत्य की जीत हीं
तुम्हारी शान है…………….

मुश्किलों से हारकर घबराना नहीं
होगी कठिन पथ…….ऐ पथिक !
पर तू कभी व्याकुल होना नही
जीत चूमेंगी बेशक कदम तुम्हारे
हो निडर अपने कर्मपथ पर तू चल….

है अडिग, अटल, अविचल लक्ष्य तुम्हारा
बन अर्जुन और भेद अपने लक्ष्य को
उठा अपनी इच्छाशक्ति का दृढ़ शस्त्र
और कर असफलता को परास्त……

हारना तुम्हारी पहचान नहीं
गिरना तुम्हारी शान नहीं
बिखर जाओगे तुम टूटकर
ऐसी तुम्हारी मान नहीं
 क्या अब तुझमें जिंदादिली की जान नहीं..?

जानता है जीतेगा तू अवश्य
अपने सपनों को दे आकार
हार को तू ललकारकर संकल्प
एक जीत के अतिरिक्त
नहीं कोई और विकल्प……..

कर जीवन में कुछ ऐसा काम
जग में अमर हो जाए तुम्हारा नाम
मरने से पहले न मरकर हिम्मत
अपने कर्मों से एक नया इतिहास रच….

करें लोग याद तुम्हें भी
दें तुम्हारी मिसाल………
असफलता के सीने पर तू
सफलता का परचम लहरा
भर हौसलों की ऐसी उड़ान
छू ले सारा आसमान…….।

मधु कुमारी
कटिहार

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