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जीवन पथ-प्रीति कुमारी

जीवन-पथ 

जीवन-पथ है अनजान डगर ,
चलना इसपर है संभल-संभल ।
नित नयी चुनौतियाँ आएँगी,
सामना करेंगे हम डटकर ।
इस जग का हम कल्याण करें,
जन-मानस का निर्माण करें,
चाहे दुर्गम हो कोई डगर
आगे बढ़ना है हमें अगर,
तो रुको नहीं विचलित होकर
चलते जाना जीवन पथ पर ।
चल बिना डरे, बढ़ बिना रुके ,
देखो मत पीछे, तुम मुड़कर ।
जीवन-पथ है अनजान डगर,
चलना इसपर है संभल -संभल ।
सुख-दु:ख इसके दो पहलू हैं ,
जो आते-जाते रहते हैं ।
जब दु:ख का बादल छटता है,
एक नया सवेरा आता है ।
फिर ढेरों खुशियाँ मिलती हैं,
जीवन जाता है और निखर ।
जीवन-पथ है अनजान डगर,
चलना इस पर है संभल-संभल।

प्रीति कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मऊ विद्यापति नगर, समस्तीपुर 

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