जीवन उत्सव है
जीवन चलने का नाम है,
चलते रहना ही जीवन है।
सुखऔर दुःख के दो राहों में,
संघर्ष कर जीवन को बढ़ाना है।
जीवन उत्सव है इसे मनाना है।
बाधाएँ नई चुनौतियाँ लाती है,
मुसीबतें हमें जीना सिखलाती है।
अपने मुसीबतों को गले लगाना है,
जीवन उत्सव है इसे मनाना है।
मानव स्थूल शरीर देखा है,
सब ने सूक्ष्म शरीर देखा है।
जीवन अपने कर्म की लेखा है,
हाथों में सबके भाग्य की रेखा है।
अच्छे कर्म से किस्मत बनाना है,
जीवन उत्सव है इसे मनाना है।
उद्देश हमारा सफल हो,
लक्ष्य हमारा प्रबल हो।
बाधाओं को अंत करना है,
जीवन उत्सव है इसे मनाना है।.. 2
अनुज कुमार वर्मा
बेलवा, कटिहार, बिहार
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