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मैहर वाली मैं हर दें गर- राम किशोर पाठक

Ram Kishore Pathak

Ram Kishore Pathak

गीत

सुख में जाए दिन-रात गुजर।
मैहर वाली मैं हर दें गर।।

सुंदर मनहर गीत लिखा है।
माता से निज प्रीत लिखा है।।
शब्दों का नवनीत लिखा है।
भक्ति भावना रीत लिखा है।।
आनंदित करता जो अंतर।
मैहर वाली मैं हर दें गर।।०१।।

अपना दुखड़ा रोया मैंने।
बतलाया क्या खोया मैंने।।
सपने कुछ संजोया मैंने।
चित का भाव पिरोया मैंने।।
रचना में आए तेज प्रखर।
मैहर वाली मैं हर दें गर।।०२।।

माँ भर दो भण्डार ज्ञान का।
कर दो शमन अब अभिमान का।।
पल पाएँ नहीं अपमान का।
रचना की नयी पहचान का।।
अब तो मैया मुझको दो वर।
मैहर वाली मैं हर दें गर।।०३।।

गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना।
संपर्क – 9835232978

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