मन की बात
मैं हूं एक छोटा-सा बच्चा।
कोई सुन ले बात मेरी।
कोरोना ने कर दिए बंद सारे स्कूल।
पहले वहाँ होती थी कितनी सारी चीजें,
हम पढ़ते, हँसते, खूब शोर मचाते।
मैम जब आती, हमे दुलारती।
खूब पढ़ाती और सिखाती।
अच्छी-अच्छी बात बताती।
खेल-खेल में हमें पढ़ाती।
लेकिन अब सब-कुछ बदल गया।
मम्मी-पापा स्कूल जाते हैं।
और चावल लेकर घर आते हैं।
जाने ये कोरोना कब यहाँ से जाएगा!
क्योंकि मुझे स्कूल जाना है।
सर और मैम से मिलना है।
उनसे बस इतना ही कहना है।
हमे पढ़ना, लिखना, हँसना है।
मैं हूँ एक छोटा-सा बच्चा।
कोई सुन ले बात मेरी।
संध्या राय
राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालय बेगमसराय
बछवाड़ा, बेगूसराय
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