दिवाली है आई
दीप जलाओ दीप जलाओ दिवाली है आई
घर आंगन में चहुंओर अब,खुशियाली है छाई।
मैं तो लूंगी फुलझड़ियां ,तू पटाखे ले लो भाई।
नाचो गाओ खुशी मनाओ , दिवाली है आई।।
आतिशबाज़ी घर के बाहर, सोच समझकर करना।
शोर – शराबा कहीं नहीं हो, दिवाली है आई।।
रंगोली से घर को सजाओ,जगमग दीप जलाओ।
नये- नये सब कपड़े पहनो, दिवाली है आई।।म
उक्कापाटी खेल में सब मिल,पंच पाप जलाओ।
आशीर्वाद बड़ों से ले लो, दिवाली है आई।।
ज्ञान का दीपक रोज जलाओ, अज्ञान को दूर भगाओ।
सदा सत्य की राह चलो तुम, दिवाली है आई।
स्वरचित एवं मौलिक
मनु कुमारी,विशिष्ट शिक्षिका, प्राथमिक विद्यालय दीपनगर बिचारी , राघोपुर ,सुपौल
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