मेरा गांव मेरा घर
वहां बीता मेरा बचपन
जहां है मेरी यादें दफन
बरगद का पेड़ और
जामुन का गाछ
आम की गुठली
वो मीठी निबौरी
वो कबड्डी
वो बकरडिलो
कंचे की गोलियां
खपड़े की गोटियां
जेठ की दुपहरिया
सावन के झूले
भादो के बेंग और
अश्विन के मेले
कार्तिक में छठ
दीपावली के दिए
पूस की रात
माघ का पाला
फागुन की बहार
रंगों की फुहार
चैत का बेल और
बैशाख में खेल
बार-बार आती है
इन यादों की रेल
मेरे गांव की गलियां
और यारों की गालियां
आती है यादें और
बुलाती है उनकी बातें।
Jitendra Kumar
GPS GURMIYA SOUTH GHORASAHAN EAST CHAMPARAN
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