मदर टेरेसा
करुणा और सेवा की देवी
मानवता, ममता, दया की प्रतिमूर्ति
शांति और सद्भावना की अग्रदूत
अनाथ पीड़ितों की सेवा मे जीवन समर्पित।
दीन दुखियों को गले लगाती
रोगी कुष्ठ रोगियों की पीड़ा हरती सेवा करती
चेहरे पर इनके निश्छल मुस्कान
असहाय निर्धनों की थी वे माँ समान।
26 अगस्त 1910 उत्तरी मैसिडोनिया
अल्बेनियाई परिवार में जन्मी
अगनेस गोंझा बोयाजिजू था इनका नाम
आयरलैंड से कोलकाता ‘लोरेटो कॉन्वेंट’ पहुँची।
मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना कर रखी
इंसानियत मानवता का मान
18 वर्ष में दीक्षा ले बनी सिस्टर टेरेसा
अनाथ, अवैध संतानों की माँ बन
मातृत्व-सुख किया प्रदान।
मदर टेरेसा नाम से मिला
विश्व में मान सम्मान
नीले बाडर्र की सफेद साड़ी
थी इनकी पहचान।
रोते-सिसकते मरणासन्न
अस्वस्थ असहाय को
बिन भेदभाव के
अपने सेवा केन्द्रों में उपचार किया।
विदेश में जन्मी होकर भी
जीवन पर्यंत रही भारत की हो कर।
मानवता की सेवा हेतु
मिले अनेक राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय सम्मान।
पद्मश्री, नोबेल पुरस्कार, भारत रत्न,
मेडल आफ़ फ्रीडम, नोबेल शांति,
टेम्पटन प्राइज, ऑर्डर ऑफ मेरिट
मिले प्रमुख मान सम्मान।
जीवन पर्यंत मानवता की सेवा करती
दया, प्रेम की जीती जागती मूरत
5 सितंबर 1997 को संसार त्याग कर
देह त्याग कर,जा मिली
परमपिता परमेश्वर से।
अपराजिता कुमारी
रा. उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय
जिगना जगन्नाथ
हथुआ गोपालगंज