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नशा मुक्ति-प्रियंका दुबे

Priyanka

नशा मुक्ति

कामना है कामना

उड़ने की है कामना,
कुत्सित कामना
जीवन के संघर्षों से
मुँह मोड़ने की लालसा।
चाहे हो जिसकी भी कामना
तुम मोड़ लो मार्ग अपना
रोक लो लड़खड़ाते कदम,
रोक लो विनाश की पतवार,
तुम्हारे साथ है तुम्हारे पीछे भी
कुछ जीवन,
हो सके तो मिटा लो अज्ञानता का ये भ्रम।

जीवन के वट वृक्ष के नीचे,
सुशोभित मानव जाति संघर्षों श्रेष्ठतम के ताज संग
सफलताओं की अट्टालिकाओं से,
लगा के अभिमान के पंख,
जब उड़ने लगता है मानव मन।
तब चहूं ओर बस एक लालसा
जीवन युद्ध से भागने की लालसा
उन्माद है उन्माद है सब उन्नति का
उन्माद।
उन्माद आनंद का, उन्माद उड़ने की,
उन्माद भयमुक्त होने की
उन्माद है स्वयं की दृष्टि होके भी दृष्टी हीन होने की।
ये उन्माद है सबकुछ खोने की
नजर नहीं आते अपने
इस व्यसन में।
छोड़ दो तुम इस कामना को
तोड़ दो तुम इस सुरा के जंजीर को
मोड़ लो राहें अपनी
दे दो विराम उन चिर प्रतीक्षित दृगो को।
भर लेने दो उनकी उम्मीदों को भी एक उड़ान।

प्रियंका दुबे
मध्य विद्यालय फरदा

जमालपुर

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