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नव वर्ष-रूचिका

Ruchika

नव वर्ष

नव संकल्प, नव निश्चय, नव उमंग हो
स्वागत कीजिये नव वर्ष का तरंग हो
दृढ़ता हिम्मत और संबल बनें सदा,
हर दिल में प्रीत का इंद्रधनुषी रंग हो।

स्वागत हो नव वर्ष का मन में आशा हो,
दूर कर दें मुश्किल नहीं कोई निराशा हो,
सुख दुख समभाव रखें जीवन पथ में,
मन सहयोग और अपनापन का प्यासा हो।

नये वर्ष का स्वागत करें बाँहें पसार कर,
सार्थक बनाये वर्ष को जीवन सँवार कर,
रोग व्याधि से दूर रहे आने वाला वर्ष ये,
बस खिलते पुष्प यहाँ आपस में प्यार कर।

नये वर्ष में बस इतनी ही अच्छाई हो,
नहीं मन में छल कपट सिर्फ सच्चाई हो,
भले जुबान पर शिकायतों का न अंबार हो
जीवन में नहीं कभी करें किसी की बुराई हो।

रूचिका
उ म वि तेनुआ गुठनी

सिवान बिहार

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