नव वर्ष
नव वर्ष हमेशा कहलाएगा,
जब तेरा सम्मान बढ़ाएगा।
नव वर्ष खुशियाँ लेकर आएगा
सारे लोग, खूब धूम मचाएगा।
अबकी बार कोरोना कहर जाएगा,
जब वर्ष बीस सौ इक्कीस आएगा।
मालूम न था कोरोना जब आएगा,
सभी व्यापारी को बड़ा रुलाएगा।
बुरा वक़्त एक दिन जरुर जाएगा ,
नया वक़्त सबका बनकर आएगा।
अब मन्त्र वेद से शादी-ब्याह रचाएगा,
मिलकर एक साथ खूब मज़ा आएगा।
कितने भी मथ लूं जहरीले सागर,
हिस्से में शहद भी जरुर आएगा।
महीनों से जागी हैं ये आंखें ,
जाने वो किस पहर आएगा।
ज्ञान का दीपक सारे जलाएगा,
जिस दिन ब्रह्म प्रकाश जागेगा।
विश्व में सभी देश खोज बढ़ाएगा,
महामारी बुरी चीज को भगाएगा।
“प्रभात” तू सागर है ये जब मानेगा ,
लेकिन वो बनके लहर फिर जाएगा।
✍🏻✍🏻प्रकाश प्रभात
प्राo विo बाँसबाड़ी बायसी
पूर्णियाँ (बिहार)
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