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परिश्रम-भवानंद सिंह

 परिश्रम 

मेहनत कर हर इंसान
जीवन में आगे बढ़ता है,
जो मेहनत से जी चुराता
जीवन में पीछे रह जाता है ।

आगे अगर बढ़ना है तुमको
करो परिश्रम जी भरकर के,
बिना परिश्रम कुछ नहीं मिलता
किया परिश्रम जो सबकुछ पाता ।

कर ले बंदे श्रम और कर्म
यही पूजा है, यही है धर्म,
इस पूजा में ध्यान लगाओ
मीठे फल तुम खूब खाओगे ।

श्रम करने से मान बढेगा
जीवन तुम्हारा खुशहाल बनेगा,
इज्जत से तुम जी पाओगे
समाज में सम्मान मिलेगा ।

कर्म करने से पीछे मत हटना
ईमानदारी को हथियार बनाना,
झूठ को मन से निकालो तुम
सत्य को अपनाओ तुम ।

अगर जीवन में उठना है ऊँचा
श्रम और कर्म को अपनाओ तुम,
ध्रुव तारा सा तुम चमकोगे
सदा अमर हो जाओगे ।

भवानंद सिंह
रानीगंज, अररिया

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