फूल
हरे भरे बगिया में खिले हैं
देखो रंग बिरंगे फूल
इनकी सुन्दरता से बच्चे
सुध बुध जाये अपनी भूल
नित दिन सूरज के किरणों संग
मुस्काते यह प्यारे फूल
मेरी तरह तुम भी यूँ हँसना
बतलाते यह न्यारे फूल
कितने कोमल तन हैं इसके
पल भर में मन मोहे सबके
अपनी खुश्बू दूर दूर फैलाते
बूढ़े तरूण बच्चों को भाते
काँटों के संग रहते फिर भी
अपना स्वभाव कभी न छोडे
कितने भी जख्म हमें दे काँटे
देख फूल हम सब जाते भूल
बच्चों तुम कुछ अमल में लाओ
फूलों जैसे तुम बन जाओ
सदाचार का सुगंध फैलाकर
इस धरती को स्वर्ग बनाओ
मनु कुमारी
प्रखण्ड शिक्षिका
मध्य विद्यालय सुरीगांव
बायसी पूर्णियां
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