Site icon पद्यपंकज

प्रेमचंद-अवनीश कुमार

प्रेमचंद

क्यों है कथासम्राट
का जन्मदिन उपेक्षित

क्या उनकी रचनाएँ 
अब है दम तोड़ती
क्या उस कलमकार
की रचना में इतना बस
भी दम नही कि
कर सके हामिद बन
अभावग्रस्त में खो रहा
बचपन का चरित्र चित्रण

क्या उसकी कहानी में अब नही रहा मंत्र फूकने की ताकत

होरी का चित्रण क्या समाज मे
अब न रह गया है

क्या नमक का दारोगा बन
घुसखोरी बंद होने को है

क्या बूढ़ी काकी अब है
नही मिलती गाँवो में

क्या अब जमीर है बची
कफन के वास्ते

क्या छुआ-छूत अब है समाप्त होने को
क्या गंदी राजनीति बन्द है होने को
क्या दशकों पहले समाज में जमी
कुप्रथा है उखड़ने को

क्या अब समाज में नही है
कलमकार कथासम्राट की जरूरत
अगर है जरूरत तो
फिर क्यों है उपेक्षित इनका व्यक्तित्व

बहुत मर्माहत होता है मन
जब ऐसे रत्न को न मिलता भारत रत्न

बहुत मर्माहत होता है मन
जब ऐसे रत्न को न मिलता भारत रत्न।

अवनीश कुमार
प्रभारी प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अजगरवा पूरब
पकड़ीदयाल पूर्वी चंपारण( मोतीहारी)

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version