Site icon पद्यपंकज

प्रीत जहां की रीत सदा-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”

M S Husain

प्रीत जहां की रीत सदा

है प्रीत जहां की रीत सदा
मैं यही बताने आया हूं
इस मिट्टी में मैं पला बढ़ा
इसी से सम्मान पाया हूं। 

जहां के ज़र्रे-ज़र्रे में है
वतन परस्ती की खुशबू
जहां वीरों के कंधे पर है
वतन की इज़्ज़त आबरू। 

जहां पर बच्चों को सदैव ही
सत्य का पाठ पढ़ाया जाता
झुठ मत बोलो कभी, पाप है
इसका आभास कराया जाता। 

जहां है बड़े छोटे में अदब
पूछता किसी से हाल जब
मिलता जवाब सदैव वही
शुक्रिया है पाल रहा है रब। 

एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
उत्क्रमित मध्य विद्यालय
छोटका कटरा
मोहनियाँ कैमूर बिहार

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version