धनतेरस – मनहरण घनाक्षरी
धनतेरस है आया,
लेकर धन की माया,
बाजार धूम मचाया, हाट गुलजार है।
करना है दीप-दान,
यम को देते सम्मान,
पूजन विधि विधान, सुंदर त्यौहार है।
प्रकटे धनवंतरि,
रोग-शोक हरे हरि,
आयुर्वेद सुरसरि, सुखद संस्कार है।
जगत आधार रमा,
सर्व सुखदायी समा,
भव्यता है पायी यमा, शुभता विचार है।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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